सत्य शिव सुन्दर ही मेरा परम लक्ष्य होवे,

जग के उपकार ही में जीवन ये जावो।

मैं इस पृथ्वी पर स्वर्ग चाहता हूं,

मैं इस पृथ्वी में वह दीन और धर्म लाना चाहता हूं,

कि जो इस दुनिया में सब प्रकार के पापों और बुराइयों का नाश करता हो,

जो इसी दुनिया में ऐसे सच्चे और शाश्वत के योग्य सम्बन्धी उत्पन्न करता हो,

कि जिनके उत्पन्न होने से मनुष्य जीवन अमृत बन सकता है।

जो इसी जगत में मनुष्य आत्माओं को सत्य मोक्ष देता हो,

यदि इस प्रकार की उच्च जीवनशैली आत्मा विकसित हो और उनके उच्च जीवन के द्वारा इस प्रकार का स्फूर्ति उत्पन्न हो,

तो उससे जहां मेरा मिशन पूरा होगा,

वहां मेरा मिशन दुनिया में अपनी विशिष्टता भी प्रमाणित करेगा।